लेखनी कहानी -21-May-2022
संपर्क
कहो इसे संपर्क या फिर रिश्ता,
उभरते दोनो, समझौते से,
टूट जाता है नाजुक इसका धागा,
हो जाए कोई भी खफा अगर किसी से।।
संपर्क हमारे रहते कई,
समझनी लेकिन पड़ती, कौनसी है महत्वपूर्ण,
कुछ संपर्क होते इक-तरफा,
जिनकी करनी पड़ती खातिर, बगैर कई सारे अवगुण।।
अब समझ लो, गरीब घर की बेटी,
ब्याह कर गई है अमीर वाली घर,
ससुराल वालो पर आभारी रहते मा-बाप,
कही, कर न दे, बेटी को घर से बाहर।।
संपर्क जो होते इक-तरफा,
ढूंढते रहते दूसरे संपर्क मे दोष,
बेटी है, कोई बोझ नही जो कि,
दौलती घर मे ब्याहने को हो तुम मदहोश।।
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Seema Priyadarshini sahay
23-May-2022 12:17 AM
बहुत खूबसूरत
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Milind salve
21-May-2022 10:33 PM
Good
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